हरदोई: शहर और तहसील मुख्यालयों पर स्थित अधिकांश नर्सिंग होम संविदा डॉक्टरों के भरोसे चल रहे हैं। डॉक्टर निदा अंसारी जो कि सीएचसी पिहानी में सरकारी डॉक्टर के पद पर तैनात है, जो अपनी सरकारी ड्यूटी के समय अपना प्राइवेट नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेंटर चला रही हैं।
खास बात तो यह है कि तीनों का समय एक ही है और तीनों जगह पर मौजूद है। इसके अलावा निदा अंसारी की डिग्री कई प्राइवेट नर्सिंग होमो पर लगी हुई है जिससे मिलती है महीने में मोटी रकम। सरकारी ड्यूटी पर जो पेपर निदा अंसारी के लगे हुए हैं और वही पेपर प्राइवेट नर्सिंग होमो व अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर भी लगे हैं, जिनसे निदा अंसारी कमा रही हैं पैसा।
जब मौके पर सरकारी अस्पताल पहुंच कर डॉक्टर निदा अंसारी के फोन पर संपर्क किया गया, तो उनके द्वारा बताया गया कि आप हिन्द अल्ट्रासाउंड सेंटर पर आ जाओ हम वहां पर बैठे हैं। जब अल्ट्रासाउंड सेन्टर पर पहुंचा गया तो देखा कि निदा अंसारी अपना प्राइवेट नर्सिंग होम चला रही है, और अल्ट्रासाउंड सेंटर कोई अन्य व्यक्ति चला रहा है और निदा अंसारी अपने नर्सिंग होम पर मरीजों को देख रही थीं। जहां पर सरकारी अस्पताल से आशाएं मरीजो को बहला-फुसलाकर निदा अंसारी के नर्सिंग होम में ला रही थी।
जब इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी रोहतास कुमार से संपर्क करना चाहा तो उनका फोन नहीं उठा। इस तरह से सरकारी कर्मचारी सरकारी राजस्व को लगा रहे है चूना और प्राइवेट नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेन्टर चलाकर कमा रहे मोटा पैसा। आखिर कब तक चलेगा सरकारी डॉक्टरों का यह कारनामा। क्या ऐसे गैर सरकारी/सरकारी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई या ऐसे ही लगाते रहेंगे सरकारी राजस्व को चूना।
रिपोर्ट- आलोक तिवारी