लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा है कि अगर किसान पराली जलाते हैं, तो उनसे जुर्माना वसूला जाए और एफआईआर दर्ज कराई जाए। शुक्रवार को मुख्य सचिव ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एनसीआर के आठ तथा संवेदनशील 10 अन्य जिलों के मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदूषण को देखते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। सभी अपने-अपने जिलों में ऐसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखें। राजस्व ग्राम के लिए लेखपाल की जिम्मेदारी तय की जाए कि वह अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं न होने दें। न्याय पंचायत, विकासखंड, तहसील एवं जिला स्तर पर टीमों का गठन कर जन जागरूकता एवं प्रवर्तन की कार्रवाई की जाए।
सैटेलाइट से लगातार निगरानी रखी जा रही
उन्होंने कहा कि किसानों को बताया जाए कि पराली जलाने की सैटेलाइट से लगातार निगरानी रखी जा रही है। किसानों को बताएं कि पराली या फसलों के बचे वेस्ट को डिकम्पोजर के माध्यम से खाद बनाया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो किसानों को जागरुक करें। उन्होंने कहा कि मंडी, सड़क किनारे, बाजार, स्कूल, पेट्रोल पंप, पंचायत भवन आदि स्थानों पर होर्डिंग लगवाई जाएं। रेडियो पर जिंगल्स, टीवी पर आडियो-विजुअल क्लिप व टीवी पर स्क्राल संदेश प्रसारित कराया जाए। ग्राम स्तरीय किसान पाठशालाओं में किसानों को पराली प्रबंधन की जानकारी दी जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े डीएम-कमिश्नर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गाजियाबाद, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, शामली, बागपत, हापुड़, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़, मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बाराबंकी, रामपुर, एटा, इटावा, संभल व बरेली के डीएम-कमिश्नर जुड़े। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राजशेखर आदि अधिकारी मौजूद रहे।