Ayodhya News: उदासीन ऋषि आश्रम रानोपाली में गुरू पर्व महोत्सव की धूम है। एक अक्टूबर से चल रहे महोत्सव में भगवान श्रीचंद की मूर्ति सहित आश्रम के आचार्यों की समाधियों का पूजन महंत डॉ भरत दास महाराज के संरक्षण में हुआ।
इस अवसर पर वाराणसी के युवा संत डॉ निर्मल दास की श्रीमद भागवत कथा का समापन हुआ। इस दौरान संत समागम और भंडारा भी हुआ।
इस अवसर पर महंत भरत दास ने बताया कि आठ अक्टूबर को श्रीराम चरित मानस अखंड पाठ और 9 अक्टूबर को धर्म ध्वजा पूजन और आश्रम के हजारों शिष्यों और संतों का भंडारा होगा। उन्होंने बताया कि एक अक्टूबर से चल रहा महोत्सव 11 अक्टूबर को मुहल्ला स्वर्गद्वार स्थित आयाराम अखाड़ा में गुरू पर्व महोत्सव और संतों के भंडारे के साथ समापन होगा।
इस अवसर पर डॉ निर्मल दास ने कहा कि भागवत भगवान की आरती है।यह जीव को भय से मुक्त कर भगवान के धाम में पहुंचाने का सरल माध्यम है। मनुष्य कितना भी चाहे संसार में जाने-अनजाने में उससे अपराध हो ही जाता है।
पाप की गठरी लेकर जीव न तो भगवान की शरण पा सकता है न ही खुद का कल्याण कर सकता है। अर्थात मोक्ष को प्राप्त नहीं पाता है।