लखनऊ: बीजेपी ने 66 जिलों के नए जिलाध्यक्ष घोषित किए हैं। वहीं, 32 जिला अध्यक्षों पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताया है। 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भाजपा ने इस बदलाव के जरिए साधा है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बड़े शहरों में जिला अध्यक्षों को पार्टी ने पूरी तरह बदल दिया है। वहीं इस बार पूर्व विधायक और MLC को भी जिलाध्यक्ष का प्रभार सौंपा गया है। इस क्रम में MLC हंसराज विश्वकर्मा को बनारस का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं बलिया की कमान पूर्व विधायक संजय यादव को सौंपा गया है।
वहीं आगरा, बरेली समेत कई जिलों के जिलाध्यक्ष नहीं बदले गए हैं। पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है। इस बदलाव के जरिए भाजपा न केवल क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की, बल्कि जातीय समीकरणों को भी साधने पर उसका फोकस रहा। उत्तर प्रदेश में OBC वोट बैंक की बात करें, तो वह सबसे ज्यादा तकरीबन 52% है। चाहे 2014 के लोकसभा चुनाव रहे हों या फिर 2019 का…OBC समाज ने बीजेपी का हर चुनाव में साथ दिया है। लगातार भाजपा सत्ता में बनी रही है। इसीलिए अब OBC वोट बैंक को साथ लाने के लिए बीजेपी इस बदलाव में भी OBC चेहरों को ज्यादा मौका दिया है।
भारतीय जनता पार्टी ने कुल 98 लोगों की लिस्ट जारी की है। इसमें 50 जिलाध्यक्ष बदले गए हैं। बाकी कई शहरों के महानगर कमेटियों की जिम्मेदारी नए चेहरों को दी गई है। पश्चिम क्षेत्र में बीजेपी के कुल 19 संगठनात्मक जिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा 16 जिला अध्यक्ष पश्चिम में भाजपा ने बदल दिए हैं। जबकि केवल तीन जिलों में ही जिला अध्यक्ष को भाजपा ने रिपीट किया है।
वहीं बृज क्षेत्र में कुल 19 संगठनात्मक जिले हैं। इनमें से 10 जिलों में अध्यक्षों को बदला गया है। जबकि 9 को रिपीट किया गया है। कानपुर क्षेत्र में कुल 17 संगठनात्मक जिले हैं। इनमें 13 जिलाध्यक्षों को भाजपा ने बदल दिया है। जबकि चार अध्यक्षों को पार्टी ने रिपीट किया है। वहीं बात करें अवध क्षेत्र की तो यहां कुल 15 संगठनात्मक जिले आते हैं। इनमें से 10 जिलों में अध्यक्ष को बदला गया है। जबकि 5 जिलों में अध्यक्ष रिपीट किए गए हैं।
गोरखपुर क्षेत्र में कुल 12 जिले आते हैं। इनमें से कुल 7 जिलों में जिला अध्यक्ष बदले गए हैं। जबकि 5 जिलों में जिला अध्यक्ष रिपीट किए गए हैं। हालांकि इनमें दो जिलों में अभी तक प्रभारी जिला अध्यक्ष के तौर पर काम देख रहे लोगों को ही अब जिला अध्यक्ष बना दिया गया है। काशी क्षेत्र में कुल 16 संगठनात्मक जिले हैं। इनमें से 10 जिलों में बदलाव किया गया है। जबकि 6 जिलों में अध्यक्षों को रिपीट किया गया है।
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