Hardoi News: बिना लाइसेंस के चल रहे कई दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर जिन पर जांच के नाम पर की जाती है खानापूर्ती। औषधि निरीक्षक के कार्यालय में दो व्यक्ति बैठे रहते हैं। जिनके माध्यम से लाइसेंस रिन्यूअल व अन्य लेन देन के काम भी किये जाते हैं। जबकि मेडिकल स्टोर पर मानक विहीन दवाइयां बेचने की बात कई बार सामने आई है। परन्तु अवैध मेडिकल स्टोर्स संचालकों पर कोई भी कार्रवाई क्यों नही की जाती है।
हरदोई शहर में ही न जाने कितने बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर्स संचालित हो रहे है। बिना नाम व बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से दवाइयां बेच रहे है। मेडिकल स्टोरो पर लगाम लगाने के लिए मेडिकल स्टोरो को सीज क्यों नहीं किया जाता है। बिना लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोरो में तकरीबन कई लाख की दवाइयों का भंडारण हैं। तथा कई तरह की संदिग्ध दवाओं की खुलेआम बिक्री भी हो रही हैं। गौरतलब है कि जिले में अवैध तरीके से कई दर्जन मेडिकल स्टोर चलाए जा रहें हैं। जिनके पास कोई लाइसेंस भी नहीं हैं।
इसके अलावा कई मेडिकल स्टोर पर मानक विहीन दवाइयां (Non Standard Medicines) भी बेची जा रही हैं। इसके अलावा फर्जी मेडिकल स्टोर संचालक एलोपैथिक दवाइयों के साथ-साथ जानवरों की भी दवाइयां बेंच रहे है। जब जांच अभियान चलाया जाता है। तो छापेमारी में मेडिकल स्टोर पर मानक विहीन दवाइयां बेचने की बात सामने आती है । लेकिन बिना लाइसेंस धड़ल्ले से जेनेरिक दवाइयां बेच रहे ऐसे मेडिकल स्टोरो पर औषधि निरीक्षक लगाम क्यों नही लगा पा रही?
औषधि निरीक्षक के कार्यालय में दो व्यक्ति बैठे रहते हैं। जिसमे एक का नाम शिशु अवस्थी है। तथा दूसरा व्यक्ति जिसका नाम रामा बताते है। यह औषधि निरीक्षक का ड्राइवर है। यह दोनों व्यक्ति नए लाइसेंस के नाम पर चेकिंग के नाम पर रिन्युवल के नाम पर दुकान ट्रांसफर के नाम पर वसूली करते हैं। और मैडम 12:00 बजे कार्यालय में आती है। और एक से डेढ़ घंटे मे कार्यालय का कार्य निपटाकर निरीक्षण के लिए निकल जाती है।
जिले में कई सैकड़ा प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉक्टर अपनी दुकान खोले बैठे हैं। और कई – कई सैकड़ा मरीजों को बीमारी के अनुसार प्रतिदिन दवाएं देते हैं। आखिर उनके लाइसेंस क्यों नहीं बनाए गए ? इस सवाल का जवाब जब औषधि निरीक्षक से उनके मोबाइल पर संपर्क कर चाहा गया तो उन्होंने टालमटोल जवाब देकर मोबाइल काट दिया। जिससे साफ जाहिर है कि औषधि निरीक्षक का इन डॉक्टरों से भी लंबा खेल चल रहा है। उच्च अधिकारी संज्ञान लें। और औषधि निरीक्षक के संरक्षण में बिना लाइसेंस के चल रहे, दर्जनों से अधिक मेडिकल स्टोरो पर लगाम लगाई जाए। जिससे आमजन की जिंदगी के साथ हो रहे खिलवाड़ पर रोक लग सके ।