OMG 2 Movie Review: अक्षय कुमार-पंकज त्रिपाठी की एडल्ट एजुकेशन पर बनी फिल्म ओएमजी 2 ने एक आवश्यक संदेश साझा किया, जो आपको खूब हंसाएगा

100 News Desk
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Review Overview

OMG 2 Movie Review: 2012 में आई ‘OMG’ में परेश रावल और अक्षय कुमार की जुगलबंदी ने जनता को पर्दे पर एक ऐसी कहानी दी थी जिसकी रिपीट वैल्यू बहुत तगड़ी है। टीवी पर जब भी ये फिल्म आती है जनता इसे बार-बार देखती है। ‘OMG 2’ में कहानी पंकज त्रिपाठी के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में क्या बच्चों को सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए, क्या सेक्स पर बात करना गंदी बात है। इस मुद्दे पर बनी OMG 2 एक जबरदस्त फिल्म है। बहुत समय बाद कोई ऐसी फिल्म देखी जिसमें कोई कमी नहीं दिखी, जिसकी राइटिंग कमाल की लगी। जिसमे कई ऐसे सीन आए जहां थिएटर तालियों से गूंज उठा।

ये फिल्म शानदार है, पहले सीन से ये फिल्म आपको बांध लेती है और सही पेस से आगे बढ़ती है। एक भी सीन ऐसा नहीं आता जहां आप एंटरटेन ना हों। एक के बाद एक ऐसे सीन आते हैं जहां आप तालियां बजाते हैं। कोर्ट के सीन शानदार हैं बीच बीट में कॉमिक पंच डाले गए हैं, जो हंसाते भी हैं और कहीं ना कहीं समाज के बनाए गलत तौर तरीकों पर चोट भी करते हैं। ये फिल्म आपको बहुत कुछ देती है। इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिया गया है लेकिन फिल्म बच्चों की सेक्स एजुकेशन पर है और आपको फिल्म देखते हुए लगता है कि बच्चों को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। फिल्म में अक्षय यो शिव के दूत के रूप में दिखाया गया है। जिससे किसी तरह का कोई विवाद ना हो। जहां उन्हें शिव के गेटअप में दिखाया गया है उसे भी जस्टिफाई किया गया है।

फिल्म OMG 2 की कहानी

ये कहानी है शिव के भक्त कांति शरण मुदगल यानि पंकज त्रिपाठी की जिनके बेटे को स्कूल से निकाल दिया जाता है क्योंकि स्कूल के मुताबिक वो एक ऐसी हरकत कर देता है जो सही नहीं है। इसके बाद पंकज त्रिपाठी का परिवार बदनामी की वजह से शहर छोड़कर जाना चाहता है लेकिन शिव के दूत बने अक्षय कुमार उन्हें रोक लेते हैं। फिर पंकज स्कूल पर कोर्ट केस कर देते हैं उनकी मांग होती है कि स्कूलों में सेक्स एजुकेशन दी जाए और उनके बेटे को स्कूल में वापस लिया जाए। स्कूलों में सेक्स एजुकेशन की जरूरत को बताती ये कहानी शानदार तरीके से कही गई है।

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फिल्म OMG 2 में एक्टिंग

शिव के दूत के रूप में अक्षय कुमार जबरदस्त लगे हैं। अक्षय का रोल फिल्म में कम है और यही उनकी रोल की खासियत है। वो वहां आते हैं जहां जरूरत है लेकिन जब आते हैं तो छा जाते हैं. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस जबरदस्त है। पंकज त्रिपाठी ने कांति शरण के किरदार में जान डाल दी है. उनकी एक्टिंग इतनी परफेक्ट है कि आप कहीं कमी ढूंढ ही नहीं पाएंगे। वकील के किरदार में यामी गौतम शानदार हैं। जज के किरदार में पवन मल्होत्रा ने शानदार एक्टिंग की है। पंकज त्रिपाठी के पत्नी और बच्चों के किरदार निभाने वाले कलाकारों ने भी काफी अच्छा काम किया है।

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साथी कलाकार

अमित राय ने फिल्म में अपनी तकनीकी टीम के साथ साथ सहायक कलाकारों का चयन भी बहुत सावधानी के साथ किया है। स्कूल संचालक के रूप में अरुण गोविल, डॉक्टर की भूमिका में बृजेंद्र काला और मेडिकल स्टोर मालिक के रूप में पराग छापेकर का चयन फिल्म की कास्टिंग की जीत है। पवन मल्होत्रा ने जज के रूप में अद्भुत कार्य किया है। अंग्रेजी में ही अदालत चलाने के अभ्यस्त एक जज का जब एक विशुद्ध हिंदी बोलने वाले से पाला पड़ता है तो पूरी बात समझने के लिए जिस तरह वह अपने सहयोगी की मदद लेता है, वे दृश्य फिल्म में हास्य रस की कमी को पूर करते हैं।


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Omg 2 का ट्रेलर

परिवार संग देखने लायक फिल्म

फिल्म ‘OMG 2’ न्यू मिलेनियल्स कहलाने वाले हर बच्चे के अवश्य देखने लायक फिल्म है। ये फिल्म है उस देश में यौन शिक्षा को वर्जित मानने वाली शिक्षा पद्धति पर जिस देश में कामसूत्र लिखा गया और जिस देश में रचित पंचतंत्र की कहानियों में काम शिक्षा का उल्लेख हुआ। उसी देश में विदेशी शिक्षा पद्धति से चलने वाला शहर का एक नामी स्कूल बच्चे पर लांछन लगाता है। शिवगण को विष पीने को बाध्य करता है। और, ये शिवगण भी इस दौर में आकर रात को महाकाल का प्रसाद पीने के साथ साथ फिल्म ‘गदर’ का गाना भी गाता है। अपने विषय, अपने निर्देशन, अपनी पटकथा और अपने समग्र प्रभाव में फिल्म ‘OMG 2’ एक कमाल की फिल्म है।

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Cropped Enhanced 1

Director: Amit Rai

Date Created: 2023-08-11 11:12

Editor's Rating:
4

Pros

  • आज की पीढ़ी के बच्चों में सेक्स एजुकेशन को लेकर स्कूलों को कैसे काम करना चाहिए, ये बात फिल्म में आपको जरूर पसंद आएगी। एक बड़े मुद्दे को बहुत ही सरल और आसान तरीके से दिखाया गया है। इस फिल्म में इमोशन और कॉमेडी को इस तरह दिखाया गया है कि यह मनोरंजक होने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी है। मेरा मानना है कि इस तरह की और भी फिल्में बननी चाहिए।

Cons

  • अगर आप अक्षय कुमार के फैन हैं, तो थोड़ी निराशा आपको जरूर होगी, क्योंकि इस बार अक्षय स्क्रीन पर बहुत ही कम नजर आए हैं, जिस तरह से वह इस फिल्म के पार्ट वन में दिखे थे, उसके मुकाबले फिल्म के दूसरे पार्ट में उनका प्रजेंस थोड़ा कम नजर आता है। फिल्म ये एक चीज आपको जरूर खलेगी। डायरेक्टर को अक्षय के कुछ और सीन फिल्म में बढ़ाने चाहिए थे। वहीं, फिल्म में लोकेशन सीमित हैं, अगर दो-चार और अलग-अलग लोकेशन पर भी फिल्म को शूट किया जाता तो थोड़ी वैराइटी भी देखने को मिलती।
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