हरदोई: सितंबर परिवहन विभाग परिवर्तन दयाशंकर एआरटीओ के संरक्षण में खुलेआम डग्गा मार वाहन व ट्रक बस की एंट्री के नाम से खेल चल रहा है। खेल ऐसा की मोटी रकम ट्रक मालिकों से लेकर ओवरलोड व अंडर लोड की अलग-अलग एंट्री का पैसा लिया जाता है, जिसका बंदर बाट का खिलाड़ी कौन है? इसका जांच के बाद ही पता चलेगा.
आप को बताते चले कि चालान के उपरांत जब वाहन स्वामी चालान निस्तारण के लिए कार्यालय पहुंचता है, तो साहब का कृपा पात्र बाबू लेनदेन तय करता है। लेनदेन तय होने के बाद बाबू अपने साहब को आदेशित करता है कि लेनदेन तय हो गया है इस समस्या का निस्तारण किया जाए। इसके बाद फिर बाबू अलग से 3000 हजार बाबू और लेता है। इस तरह लुट व बंदर बाट बाबू वह परिवर्तन दयाशंकर के बीच में होता है। अगर इसका सीडीआर निकाल के चेक कराया जाए तो सत्यता सामने आ जाएगी।
आप को बताते हैं कि हरदोई जनपद के मुख्यालय से कानपुर मार्ग, शाहजहांपुर मार्ग, कन्नौज मार्ग, लखनऊ मार्ग, लखीमपुर मार्ग, सीतापुर मार्ग, संडीला से राघोपुर जाने वाली बसो, के अतिरिक्त ट्रेवल्स बस जो जनपद हरदोई से दिल्ली चंडीगढ़ हरियाणा पंजाब राजस्थान मध्य प्रदेश को सावरिया भूसे जैसी भरकर अवैध किराया वसूलकर प्रतिदिन चलने वाली इन गाड़ियों के मालिकों द्वारा आरटीओ को मोटी रकम देकर प्रतिमाह खुलेआम अवैध संचालन परिवहन बसों के आगे पीछे डगा मार वाहन बस लगाकर किया जा रहा है।
उपरोक्त प्रकरण की शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के माध्यम से परिवहन मंत्री एवं परिवहन प्रमुख सचिव तथा परिवहन आयुक्त को भेज कर स्टॉक फोर्स टीम गठित कर उत्तर प्रदेश सरकार की परिवहन बसों के आगे पीछे डगा मार परिवहन विभाग को प्रतिमाह करोड़ों रुपए का नुकसान करने वाले आरटीओ के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने की है। हरदोई जनपद के मुख्यालय की एसी में आरटीओ दयाशंकर बैठकर जिले में अवैध बसों का संचालन सफेद पोज नेताओं के संरक्षण में करने की उच्च स्थिति जांच करने की मांग की है।
मालूम हो हरदोई जनपद में कई डग्गा मार वाहन जैसे मैजिक टेंपो ऑटो के अतिरिक्त प्राइवेट वाहनों में भूसे जैसी सवारी भरकर मनमाना किराया वसूलकर हरदोई में आने जाने के संचालन की शिकायत की गई है। शिकायत में यह भी बताया गया है की गैर जनपद से अवैधमाल ट्रैकों में लोडिंग होकर आने वाले वाहनों से लंबे चालान की धमकी देकर उपरोक्त आरटीओ द्वारा जबरन अवैध वसूली की जा रही है।
एसोसिएशन ने उपरोक्त दयाशंकर आरटीओ की अवैध वसूली के माध्यम से अचल संपत्ति अर्जित करअपने नाते रिश्तेदारों के नाम खरीदी गई संपत्ति की सरकार की ई डी एजेंसी से जांच करने की मांग की गई है। अब देखना यह होगा की सरकार जांच करती है या अधिकारी या बाबू को बचाती?
रिपोर्ट- आलोक तिवारी